सिक्योरिटी गार्ड चला रहा था 'खुफिया एजेंसी', खुद को बताता था डायरेक्टर, ऐसे गिरफ्त में आया 'नटवरलाल'

 Bareilly: सिक्योरिटी गार्ड चला रहा था 'खुफिया एजेंसी', खुद को बताता था डायरेक्टर, ऐसे गिरफ्त में आया 'नटवरलाल' 



बरेली में एक ऐसा मामला सामने आया जिसने पुलिस को भी हैरान कर दिया। एक सिक्योरिटी गार्ड खुद को 'खुफिया एजेंसी' का डायरेक्टर बताकर लोगों को धोखा दे रहा था। वह बड़े अफसरों और अधिकारियों के साथ संपर्क होने का दावा करता था और लोगों को सरकारी नौकरियों में भर्ती कराने, गुप्त मिशन का हिस्सा बनाने और खुफिया कामों में सहयोग देने का लालच देता था। आखिरकार, पुलिस ने इस फर्जी जासूस को धर दबोचा। आइए जानते हैं कि यह 'नटवरलाल' कैसे अपने जाल में लोगों को फंसा रहा था और किस तरह पुलिस ने इसका भंडाफोड़ किया।


खुफिया एजेंसी की आड़ में ठगी

बरेली का एक सिक्योरिटी गार्ड ने खुद को एक फर्जी खुफिया एजेंसी का डायरेक्टर होने का नाटक करके लोगों को धोखा देना शुरू किया। उसने एक नामी खुफिया एजेंसी की नकली शाखा का निर्माण किया और खुद को उसका बड़ा अधिकारी होने का दावा करने लगा।


सूत्रों के अनुसार, आरोपी ने नकली आईडी कार्ड बनवा रखे थे, वहीं अपनी फर्जी एजेंसी के नाम पर ऑफिस भी चला रहा था। वह लोगों से कहता था कि वह सरकार के लिए गुप्त मिशन चलाता है और आम जनता के लिए काम करने का अवसर है, बशर्ते वे बड़ी राशि चुकाएं।


लोगों को नौकरी और मिशन का धोखा

इस ठग ने कई लोगों को सरकारी एजेंसियों में भर्ती कराने का झांसा दिया था। उसने दावा किया कि उसकी एजेंसी में काम करने वाले लोगों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा और वे भविष्य में सरकारी खुफिया विभागों में शामिल हो सकते हैं। इसके लिए वह लोगों से लाखों रुपये वसूलता था।


Some instances, उसने युवाओं से संपर्क कर उन्हें "स्पेशल एजेंट" के रूप में ट्रेनिंग देने का भी दावा किया। इसके बदले में, उसने उनसे आवेदन शुल्क और सिक्योरिटी डिपॉजिट के रूप में बड़ी राशि और वापस नहीं ली।


फर्जी पहचान और नकली दस्तावेज

इस ठग ने खुद को वास्तविक दिखाने के लिए पूरी तैयारी कर रखी थी। उसके पास फर्जी पहचान पत्र, सरकारी लोगो (एम्बलम) लगे दस्तावेज, और यहां तक कि नकली स्टैम्प तक मौजूद थे। वह खुफिया एजेंसियों की भाषा और कार्यशैली की नकल करता था, जिससे लोगों को उस पर विश्वास हो जाता था।


इसके अलावा, उसने सोशल मीडिया पर भी अपनी पहचान को मजबूत करने की कोशिश की। उसने खुद को एक अनुभवी खुफिया अधिकारी बताने के लिए कई पोस्ट किए और सरकारी अधिकारियों के साथ अपनी एडिट की हुई तस्वीरें शेयर करता था।


ऐसे पुलिस के हत्थे चढ़ा फर्जी जासूस

जब कुछ लोगों ने इसमें शक जताया, तो वे पुलिस में शिकायत कर दीं। पुलिस ने जांच की और देखा कि यह व्यक्ति एक सिक्योरिटी गार्ड है, जो किसी प्रतिष्ठान में काम करता था।


जांच के दौरान पता चला कि न उसकी कोई आधिकारिक मान्यता हुई, न उसकी कोई असली खुफिया एजेंसी थी। पुलिस ने उसे ट्रैक कर गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से फर्जी दस्तावेज, नकली नियुक्ति पत्र, और भारी मात्रा में जाली स्टैम्प बरामद किए गए।


लोगों को ऐसे देता था धोखा

सरकारी भर्ती का लालच – सरकारी एजेंसी में नौकरी का झांसा देकर बेरोजगार युवाओं से पैसे वसूलता था।


फर्जी मिशन का दावा – गुप्त मिशनों की कहानियां बनाकर लोगों को अपने संगठन में भर्ती करता था।


नकली पहचान – फर्जी आईडी कार्ड, दस्तावेज़ और सरकारी लोगो का इस्तेमाल करता था।


सोशल मीडिया पर प्रचार – अपनी पहचान स्थापित करने के लिए सोशल मीडिया पर नकली तस्वीरें और पोस्ट डालता था।


पुलिस ने जारी की चेतावनी

बरेली पुलिस ने आम जनता को सतर्क रहने की सलाह दी है इस मामले के बाद। अधिकारियों ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति खुफिया एजेंसी या सरकारी विभाग से संबंधित होने का दावा करता है, तो उसकी सच्चाई की पुष्टि करने के लिए पहले जांच करें। किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस को दें।


इसके अलावा, पुलिस ने युवाओं से अपील की कि वे सरकारी नौकरियों के नाम पर ठगी करने वालों से बचें। सरकारी एजेंसियों की भर्तियां केवल आधिकारिक वेबसाइट और विज्ञप्तियों के माध्यम से होती हैं।

Please Select Embedded Mode To Show The Comment System.*

Previous Post Next Post

Random Manga

Magspot Blogger Template

Ads

Magspot Blogger Template

نموذج الاتصال